कहाँ गये वो दोस्त... लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप कहाँ गये वो दोस्त, जो हरदम याद किया करते थे...,जान - बुझकर न सही, मगर भूले से भी मेल किया करते थे...,खुशी और गम में हमारा साथ दिया करते थे...,लगता है सब खो गया है ... प्रोजेक्ट्स की डेड्लाइन्स में...,न अपनी न हमारी, जाने किसकी यादों में...,ज़िन्दगी को भुला चुके हैं, नौकरी की आड में...,हरदम फ़ँसे रहते है, अपने पी.एम. के जाल में...,कभी आओ मिलो हमसे, बैठकर बाते करो...,दर्द - ए- दिल अपना कहो, हाले - ए - दिल हमारा सुनो...,क्या रंजिश, क्या है शिकवा, क्या गिला और क्या खता... ;हम भी जाने तुम भी जानो, आखिर क्या मंज़र क्या माजरा...,बस भी करो अब...कह भी दो, अपने दिल का हाल,क्या करोगे खामोश रहकरजो चली गई ये ज़िन्दगी,चला गया ये कारवां...;जागो प्यारे...! अब बस भी करो,सिर्फ़ काम नही, थोडा ज़िन्दगी को भी महसूस करो...,खाओ, पिओ, हँसो, गाओ, झूमों, नाचो, मौज करो...,हकीकत में ना भले पर कम - से - कम ...भूल से ही सही हमें याद तो करो...हम तो हरदम देंगे यही दुआ आपको..याद न भी करो तो क्या, चलो, एन्जॉय ही करो। लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
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