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अक्तूबर, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आपकी दोस्ती हमे सबसे न्यारी लगी..

खामोशी में हमे हर अदा प्यारी लगी, आपकी दोस्ती हमे सबसे न्यारी लगी, खुदा से दुआ है न टूटे ये दोस्ती, क्योंकि ज़हां में यही चीज़ है जो हमे हमारी लगी........ दोस्ती के वादे को यूँही निभाते रहेंगे हम हर वक़्त आप को सताते रहेंगे मर भी जाएं तो कोई गम न करना हम आंशु बनकर आपकी आँखों में आते रहेंगे रब से आपकी ख़ुशी मांगते हैं दुआओं में आपकी हंसी मांगते हैं सोचते हैं क्या मांगे आपसे? चलो आपकी उम्र भर की दोस्ती मांगते हैं

तुम्हारा कोई हाथ नहीं है

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एक शराबी की पीने की लत से तंग आकर उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया और बच्चों को लेकर मायके चली गई. बॉस ने भी नौकरी से निकाल दिया. हैरान-परेशान वह अपने घर में अकेला बैठा था कि तभी उसकी नज़र अलमारी में लगी शराब की बोतलों पर पड़ गई. गुस्से में वह उठा और एक खाली बोतल उठाकर दीवार में दे मारी - "कमबख्त, तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई." फिर उसने दूसरी बोतल उठाई और उसे भी तोड़ दिया - "हरामजादी, तेरी वजह से मेरे बच्चे मुझसे दूर हो गए." तीसरी बोतल का भी यही हश्र किया और चिल्लाया - "तेरी वजह से मेरी नौकरी चली गई." जैसे ही उसने चौथी बोतल उठाई, तो वह भरी हुई थी, उसे संभालकर दूसरी अलमारी में रखते हुए बोला - "मेरे दोस्त, तुम ज़रा एक तरफ हो जाओ, मुझे मालूम है इस सब में तुम्हारा कोई हाथ नहीं है......." !!!

किसान काका और तीन चोर...

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एक बार की बात है दोस्तों ..एक था किसान काका जो रामजीपुरा गाँव में रहता था | जिसके पास एक था बैल जिसका नाम था कूपडा और एक थी बेटे की बहु जिसका नाम था नीमचढ़ | तो उन दिनों रामजीपुरा गाँव में गाँववाले चोरो से बड़े परेसान थे | तो काका गाँव से कुछ चोरो की आपबीतिया सुनकर घर आया और बेटे की बहु से बोला:-की बेटा आजकल चोरो ने बड़ा आतंक फैला रखा है तो कही अपने चोरी ना हो जाये इसलिए बेटा नीमचढ़ अपने पास जो भी बर्तन है उन्हें छुपा दो | किसान काका ने निमचढ़ को जो भी बोला वो चोरो ने सारी बात सुन ली ..और चोरो ने यु समजा की कोई बेटा है जो नीम के ऊपर चढ़ कर बर्तन छुपायेगा और चोर चले गए उस समय...अब चोर रात के 1 -2 बजे दुबारा आये.. चोर रात को आये और काका के घर के सामने था एक नीम का पेड़ और उस पर था एक टाट्या (एक परकार की पिली मख्खी जो सफ़ेद छत्ता बनाकर रहती है) का छता | उस छत्ये को देख कर एक चोर बोला ...देखो वो रखे बर्तन... अब 3 चोर पेड़ पर चड़ने लगे और बाते कर रहे थे की किसान काका तो बड़ा मुर्ख निकला ..इतनी आसन चोरी तो आज पहली बार ही करेंगे....हगेरा भगेरा ... ज्यो ही चोर ने बर्तन

मेरा गाँव तो लाजबाब है ...

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'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' हाँ नहीं है यहाँ सुन्दर सा पार्क | पर क्या खुल्हे खेत का कोई जबाब है ? मेरा गाँव तो लाजबाब है ... हाँ नहीं आता हमको दिखावा करना | पर क्या दुनिया से पीछे है हम ? मेरा गाँव तो लाजबाब है ... हाँ नहीं है यहाँ बर्गर और फूट्लोंग का चटपटा स्वाद | पर क्या बाजरे की रोटी और धही का कोई जबाब है ? मेरा गाँव तो लाजबाब है ... हाँ नहीं है यहाँ यातायात की ज्यादा सुविदा | पर क्या बैलगाड़ी

तू जाने ना....

कैसे बताये क्यूँ तुझको चाहे यारा बता ना पाएं बातें दिल ओ की देखो जो बाकि आके तुझे समझाएँ तू जाने ना आआ.. तू जाने ना तू जाने ना आआ.. तू जाने ना हमं मिलके भी, हम ना मिले तुमसे ना जाने क्यूँ, मिलो के, है फासले तुमसे ना जाने क्यूँ अनजाने, है सिलसिले तुम से ना जाने क्यूँ, सपने है पलकों तले तुम से ना जाने क्युन्न्नन्न  कैसे बताएं क्यूँ तुझको चाहे यारा बता ना पाएं आआआ बातें दिल ओ की देखो जो बाकि आके तुझे समझाएँ तू जाने ना आआ.. तू जाने ना तू जाने ना आआ.. तू जाने ना आआअ आआअ आ निगाहों में देख  मेरी जो है बस गया आ वोह है मिलता तुमसे हुबहू ----- जाने तेरी आँखें किया बातें की वजह हुए तुम जो दिल की आरज़ू तुम पास हो के भी तुम आस हो के भी एहसास हो के भी अपने नहीं ऐसे है  हम को गिले तुमसे ना जाने क्यूँ, मिलो के है फासले तुमसे ना जाने क्यूँ . तू जाने ना आआ.. तू जाने ना तू जाने ना आआ.. तू जाने ना ओऊ जाने ना जाने ना जाने ना आआआआ आया तू जाने ना  ख्यालों में लाखों बातें, यूँ तोह कह गया.. बोला कुछ ना तेरे सामने Oooo हुए ना बेगाने भी तुम होके और के देखो तुम ना मेरे ही बने आफसोस होता है, दिल भी यह रोता है सपने

ओह यारों, यह इंडिया बुला लिया..

ओह यारों, यह इंडिया बुला लिया दिवानो यह इंडिया बुला लिया… बुला लिया यह तोह खेल है बड़ा मेल है मिला दिया… मिला दिया यह तोह खेल है बड़ा मेल है मिला दिया ओह रुकना रुकना रुकना रुकना रुकना नहीं हारना हारना हारना हारना हारना नहीं जूनून से कानून से मैदान मार लो लेट’स गो लेट’स गो  प्ले ओ जियो हेयो लेट’स गो प्ले ओ जियो हेयो लेट’स गो ओह यारों, यह इंडिया बुला लिया दिवानो यह इंडिया बुला लिया… बुला लिया पर्वत सा उचा उठून तोह यह दुनिया सलामी दे  सर्दील इरादे न हो जायें कहीं दिल को वोह सूरज दे जियो उठो बढ़ो जीतो तेरा मेरा जहां लेट’स गो कैसी सजी है सजी है देखो माती अपनी बनी रश्के जहां यारा हो कई रंग है बोली है कई देश है मगर यही जग है समाया सारा हो लागी रे अब लागी रे लगन जागी रे मनन जीत की अगन उठी रे अब इरादों में तपन चली रे गोरी चली बन थान

मैं भगवान हूँ!

एक बार एक ठेके पर तीन आदमी थे जिनमे एक जाट था | तीनो कतई टल्ली और तीनो लडाई करने में लग रहे थे तीनो कह थे मैं भगवान हूँ मैं भगवान हूँ | एक बाबा उडे के जा था उसने देख्या तो रह्या नही गया पहुँच गया उन धोरे और बोला भाई थम भगवान क्यू कर हो?? पहला बोला में चलती रेल में तें कूद जाऊंगा और मेरे कुछ ना होवेगा वो कूद गया आर राम धोरे पहुँच गया | दूसरा बोला देख मैं इस पन्द्रह मंजिल की छात से कूद जाऊंगा और कुछ नही होगा | न्यू कह के वो चढ़ गया अर कूद गया पड़ते ऐ खंड गया. इब आया जाट का नम्बर वो बाबा ने ले चला और पहुँच गया बणिये के घरा उसने सांकल बजाई अर बणिये ने कुवाड खोला | खोलते ही जाट को दीखा माथे पर हाथ मारा और बोला " हे भगवान तू फेर आ गया !"