मैं भगवान हूँ!

एक बार एक ठेके पर तीन आदमी थे जिनमे एक जाट था | तीनो कतई टल्ली और तीनो लडाई करने में लग रहे थे तीनो कह थे मैं भगवान हूँ मैं भगवान हूँ |
एक बाबा उडे के जा था उसने देख्या तो रह्या नही गया पहुँच गया उन धोरे और बोला भाई थम
भगवान क्यू कर हो??

पहला बोला में चलती रेल में तें कूद जाऊंगा और मेरे कुछ ना होवेगा वो कूद गया आर राम धोरे पहुँच गया |

दूसरा बोला देख मैं इस पन्द्रह मंजिल की छात से कूद जाऊंगा और कुछ नही होगा | न्यू कह के वो चढ़ गया अर कूद गया पड़ते ऐ खंड गया.

इब आया जाट का नम्बर वो बाबा ने ले चला और पहुँच गया बणिये के घरा उसने
सांकल बजाई अर बणिये ने कुवाड खोला | खोलते ही जाट को दीखा माथे पर हाथ
मारा और बोला " हे भगवान तू फेर आ गया !"

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