तुम्हारा कोई हाथ नहीं है
हैरान-परेशान वह अपने घर में अकेला बैठा था कि तभी उसकी नज़र अलमारी में लगी शराब की बोतलों पर पड़ गई. गुस्से में वह उठा और एक खाली बोतल उठाकर दीवार में दे मारी - "कमबख्त, तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई."
फिर उसने दूसरी बोतल उठाई और उसे भी तोड़ दिया - "हरामजादी, तेरी वजह से मेरे बच्चे मुझसे दूर हो गए."
तीसरी बोतल का भी यही हश्र किया और चिल्लाया - "तेरी वजह से मेरी नौकरी चली गई."
जैसे ही उसने चौथी बोतल उठाई, तो वह भरी हुई थी, उसे संभालकर दूसरी अलमारी में रखते हुए बोला - "मेरे दोस्त, तुम ज़रा एक तरफ हो जाओ, मुझे मालूम है इस सब में तुम्हारा कोई हाथ नहीं है......." !!!
दोस्त को तो बचाना ही पड़ेगा...सच्चा दोस्त ही इसके बाद काम आयेगा. :)
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