Whatsapp Funny Shayari Funny Sms in Hindi Comedy Jokes

Whatsapp Funny Shayari Funny Sms in Hindi Comedy Jokes

रात भर की जगी हूं। खूब नोटंकी भी हो गयी है। छुट्टी का आनन्द भी उठा लिया ।अब वापस सोने जा रही हूं। मिलती हूं, 26 जनवरी 2016 को ।
आपकी, देशभक्ति...!

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एक वो वक़्त था जब काना बाँसुरी बजाता और सारी गोपियाँ घर से बहार निकल आती
और एक आज है
जब कचरावाला आके सीटी मारता है और सब गोपियां घर के बहार

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एक आदमी की पत्नी की मौत हो गयी वह बहुत खुश था  यह देखकर उसके पङोसीयो ने यह पुलिस को कम्पलेन
कीया पुलिस का हवलदार 6 पुलिस कर्मियो के साथ उसके घर आ गया
पुलीस - तुम्हारी बीबी की मौत कैसे हुई ??
आदमी - साहब मेरे पत्नी के नाक पर चाकू से कट गया था ! वह प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिये कह रही थी लेकीन मेरे पास पैसा नही था ! जिद के कारण उसने खाना पानी सब छोङ दिया वह चुप होकर बैठी रहती थी मै दो दिन के लिये बाहर गया था लेकीन जब लौट तो मुझे चिल्लाने लगी बेहोस हो गयी मै हास्पीटल ले गया लेकीन वह नही बच सकी 


हवलदार धिरे से - मै नई नई नौकरी JOIN कीया हू मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा है मै इससे पहले मोबाइल इन्जिनियर था उस तरह मुझे बता सको तो बताओ 

आदमी - साहब मेरे बीबी के स्कीन पर खरोच आ गया था वह लेमीलेशन करवाने को बोल रही थी लेकीन बजट मेरे पास बजट नही था मै करवा नही सका जिद के कारण वह चार्जर सपोर्ट करना भी छोङ दिया सिर्फ सायलेन्ट मोड मे पङी रहती थी मै दो दिन के लिये बाहर गया था लेकीन जब वापस आया तो वह वाइलेन्ट मोड तथा लाउडस्पीकर पर हो गयी कुछ देर बाद वह हैग करके बन्द हो गयी मै उसे दूकान पर भी ले गया साफ्टवेयर हार्डवेयर सब करवाया लेकीन वह OPEN नही हुई
साथी पुलिसकर्मी बेहोश

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एक बस में एक नवयुवती शिक्षिका को काफी देर से खड़े देखकर एक बच्चे से रहा नहीं गया और वो उठकर बोला - मेडम प्लीज आप मेरी जगह बैठ जाईये।
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मैडम ने ये सुना और तैश में आकर बच्चे को थप्पड़ रसीद कर दिया।
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"भलाई का तो जमाना ही नहीं रहा...!"

यह कहते हुए बच्चा वापस अपने पापा की गोदी में बैठ गया।

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सरदार दुखी था.
किसी ने पुछा: क्यों टेंशन मे हो?
सरदार: यार एक दोस्त को प्लास्टिक सर्जरी के लिए 2 लाख दिए,
अब साले को पहचान नहीं पा रहा हुँ…

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वो पुरानी फिल्मो वाले बाप हमें क्यों नही मिलते जो पूछते थे ......

कितना रुपया लोगे मेरी बेटी की जिंदगी से जाने का ...!!!

ये रहा ब्लेंक चेक...

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एक बार दामाद जी पहली बार अपनी ससुराल गये..

वहाँ सारे दिन बोर हो गये तो गाँव वालों से पूछा- यहाँ कोई enjoy करने वाली चीज़ है क्या??

गाँव वाले- नहीं भाई, 1 थी वो भी तुम ले गये.

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दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त,
अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।

अर्थ : यह मनुष्य का स्वभाव है कि जब वह दूसरों के दोष देख कर हंसता है, तब उसे अपने दोष याद नहीं आते जिनका न आदि है न अंत.

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बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

अर्थ : जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला. जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है.


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साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।

अर्थ : इस संसार में ऐसे सज्जनों की जरूरत है जैसे अनाज साफ़ करने वाला सूप होता है. जो सार्थक को बचा लेंगे और निरर्थक को उड़ा देंगे.

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तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय,
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।

अर्थ : कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है. यदि कभी वह तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो कितनी गहरी पीड़ा होती है !

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माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर,
कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।

अर्थ : कोई व्यक्ति लम्बे समय तक हाथ में लेकर मोती की माला तो घुमाता है, पर उसके मन का भाव नहीं बदलता, उसके मन की हलचल शांत नहीं होती. कबीर की ऐसे व्यक्ति को सलाह है कि हाथ की इस माला को फेरना छोड़ कर मन के मोतियों को बदलो या फेरो.

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पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।

अर्थ : बड़ी बड़ी पुस्तकें पढ़ कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुँच गए, पर सभी विद्वान न हो सके. कबीर मानते हैं कि यदि कोई प्रेम या प्यार के केवल ढाई अक्षर ही अच्छी तरह पढ़ ले, अर्थात प्यार का वास्तविक रूप पहचान ले तो वही सच्चा ज्ञानी होगा.

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धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।

अर्थ : मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है. अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा !

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जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ,
मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।

अर्थ : जो प्रयत्न करते हैं, वे कुछ न कुछ वैसे ही पा ही लेते हैं जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है और कुछ ले कर आता है. लेकिन कुछ बेचारे लोग ऐसे भी होते हैं जो डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं पाते.

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जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।

अर्थ : सज्जन की जाति न पूछ कर उसके ज्ञान को समझना चाहिए. तलवार का मूल्य होता है न कि उसकी मयान का – उसे ढकने वाले खोल का.

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बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।

अर्थ : यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है तो उसे पता है कि वाणी एक अमूल्य रत्न है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर ही उसे मुंह से बाहर आने देता है.

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सुबह सुबह .....मालकिन और नौकरानी का झगडा सुन कर घर का मालिक उठ कर बोला
मालिक : ये सुबह सुबह शोर क्या मचा रखा है तुमने
मालिकिन : नौकरानी की तरफ इशारा कर बोली, इस को निकाल दो ... ये चोरी करती है
मालिक : क्या चोरी कर लिया इस बेचारी ने ??
मालकिन: ये रोज कुछ न कुछ चोरी करती है, कभी मेरा पाउडर, कभी लिपस्टिक, कभी परफ्यूम पर आज तो इसने
हद ही कर दी ..... मेरी नयी पेंटी चोरी कर ली !!!
नौकरानी : में नहीं चुराई
मालिकन: तूने ही चुराई है
नौकरानी : आप साहिब से पूछ लो मै तो पहनती ही नहीं!!!
मालिक फरार बताया जा रहा है
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हक मिलता नही लिया जाता है ,
आज़ादी मिलती नही छीनी जाती है ,
नमन उन देश प्रेमियों को, जो देश की आज़ादी की जंग के लिये जाने जाते है.
जय हिन्द.👏
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अपने एंड्राइड फोन से हिंदी में लिखे और भेझे हिंदी में मैसेज ।

भारत माता का गौरव बढ़ाइये।


कभी कभी अच्छे मेसेज भी आगे भेजने चाहिए ।

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनाए ।
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निर्मल बाबा एक दिन बाबा दरबार में बैठे थे और भक्त अपनी दुखभरी कहानियाँ सुनाकर बाबासे सलाह मांग रहे थे ।
पप्पू : " बाबा की जय हो एक । बाबा मुझे कोई रास्ता दिखाओ , मेरी शादी तय नहीं हो रही , आपकी शरण में आया हूँ ।"
निर्मल बाबा: " आप काम क्या करते हो ?"
पप्पू : " शादी होने के लिए कौनसा काम करना उचित रहेगा ? "
बाबा - " तुम मिठाई की दूकान खोल लो। "
पप्पू - " बाबा , वो तो ३० सालों से खुली हुई है, मेरे पिताजी की मिठाई की ही दुकान है ।"
बाबा : " शनिवार को सुबह ९ बजे दुकान खोला करो ।"
पप्पू - "शनि मंदिर के बगल में ही मेरी दूकान है और मैं रोज ९ बजे ही खोलता हूँ ।"
बाबा : " काले रंग के कुत्ते को मिठाई खिलाया करो ।"
पप्पू - " मेरे घर दो काले कुत्ते ही है, टोनी और बंटी . सुबह शाम मिठाई खिलाता हूँ ।"
बाबा : " सोमवार को शिवमंदिर जाया करो ।"
पप्पू - " मैं केवल सोमवार ही नहीं , रोज शिवमंदिर जाता हूँ । दर्शन के बगैर मैं खाने को छूता तक नहीं ।"
बाबा : " कितने भाई बहन हो ?"
पप्पू - " बाबा आपके हिसाब से शादी तय होने के लिए कितने भाई बहन होने चाहिए ? "
बाबा - " दो भाई एक बहन होनी चाहिए । "
पप्पू - " बाबा , मेरे असल में दो भाई एक बहन ही है । प्रकाश, दीपक और मीना । "
बाबा : " दान किया करो ।"
पप्पू - "बाबा मैंने अनाथ आश्रम खोल रखा है, रोज दान करता हूँ ।"
बाबा : " एक बार बद्रीनाथ हो आओ ।"
पप्पू : " बाबा आप के हिसाब से शादी होने के लिए कितने बार बद्रीनाथ जाना जरुरी है ?"
बाबा: "जिंदगी में एक बार हो आओ ।"
पप्पू : "मैं तीन बार जा चूका हूँ ।"
बाबा - "नीले रंग की शर्ट पहना करो ।"
पप्पू - "बाबा मेरे पास सिर्फ नीले रंग के ही कुर्ते है , कल सारे धोने के लिए दिए हैं , वापस मिलेंगे तो सिर्फ वही पहनूंगा! "
बाबा शांत होकर जप करने लगते हैं ।
पप्पू " बाबा , एक बात कहूँ ?"
बाबा ; "हां जरूर, बोलो बेटा जो बोलना है ।"
पप्पू : "मैं पहले से शादी शुदा हूँ ,
और तीन बच्चों का बाप भी हूँ
इधर से गुजर रहा था ,
सोचा तुम्हे 

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जर्जर ईटो से तुम कब तक, भला रोक सकोगे आँधी को
सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गाँधी को ।
क्यूँ इतिहास छिपा रखा है, बोलो सन् सत्तावन का
गाँधी का फोटो छापा क्यूँ नोटो पर मरणासन्न का
रस्सी तुमने ढूँढ निकाली बकरी वाली गाँधी की,
भगत की रस्सी कब ढूँढोगे, जिसपर उसको फाँसी दी
गाँधी-नेहरू के जन्म-मरण पर तुम छुट्टी दे देते हो
भगत-चन्द्र की बात करूँ तो क्यूँ चुप्पी ले लेते हो
अंधे सत्ता के रखवाले पीतल कर देंगे चाँदी को
सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गाँधी को
जिसमें लिखा सुभाष महान, बोलो वो पन्ने कहाँ गये
जो पत्र लिखे थे "नाथू" ने,उनको बोलो क्यूँ दबा गये
क्यूँ इतिहास पढ़ाया हमको, कायर, मुगल , लुटेरो का
और अब तुम ही मिटा रहे हो, सच भारत के वीरो का
वीर शिवाजी की गाथाएँ, रखती याद जवानी थी
अब किसको है याद कहा पन्ना की, झाँसी रानी की
अंग्रेजोँ के तलवे चाटे, आज वो सोना लूट रहे
सच्ची बातो पर तुम बोलो, क्यूँ अपनी छाती कूट रहे
तुम सब दोनों गालो पर ही थप्पड़ खाने के आदी हो
सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गाँधी को ।
जय हिन्द ।
जय माँ भारती ।।
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पाकिस्तान का राष्ट्रीय गान......
सारे जहाँ से "लुच्चा"
पाकिस्तान हमारा .
हम "जानवर" हैं इसके , ये
"चिड़ियाघर"हमारा.
.
मज़हब हमें
सिखाता "आतंकवाद" फैलाना..
"नामर्द" है हम वतन के..
"तालिबान" माईबाप हमारा..
सारे जहाँ से "लुच्चा"...
"पाकिस्तान" हमारा.......

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बिना सिंध के हिन्द कहाँ है,
रावी बिन पंजाब नहीं।
गंगा कैसे सुखी रहेगी,
जब तक संग चिनाब नहीं।

लाहौर बिना तो संविधान की,
अपनी बात अधूरी है।
बिना करांची कैसे कह दें,
यह आज़ादी पूरी है।

आज़ादी का जश्न मनेगा,
पेशावर की गलियों में।
तभी तो खुशबू आ पाएगी,
काश्मीर की कलियों में।

दिल्ली तुझे कसम है अबकी,
मत रोड़े अटकाना।
ताशकंद व शिमला जैसे,
समझौते मत दोहराना।

वचन हमारा रणभूमि में,
ऐसी तान बजायेंगे।
गाड़ तिरंगा सिन्धु तट पर,
वन्दे मातरम गायेंगे।

साँप सपोलों ने दिल्ली को,
आज पुन: ललकारा है।
घोंप कटारी कह दो उनको,
पाकिस्तान भी हमारा है।

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अर्ज किया है,,,
दिल में कोई गम नहीं,,,
बातों में कोई दम नहीं,,,
ये ग्रुप है "नवाबो"का,,,
यहाँ कोई किसीसे कम नहीं,,,


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