अदरख Ginger - Uses, Side Effects, Interactions and Warnings
अदरख (Ginger);गुणों की खान
==> साधारण सी नजर आने वाली मटमैली गांठों वाली अदरख (Ginger) वाकई गुणों की खान है। इसके सेवन से जुकाम-बुखार से लेकर जोड़ों का दर्द तक में तुरंत फ़ायदा होता है। शरीर सात धातुओं (रक्त, रक्त-मांस, मेद, मज्जा, अस्थि और शुक्र या ओज ) से बनाहै। इनके संतुलन से ही शरीर स्वस्थ बना रहता है। सातवें धातु शुक्र के निर्माण में अदरख का बहुत बड़ा योगदान होता है।इस लेख में अदरक के चिकित्सीय गुणों की जानकारी जा रही है।
वनस्पति शास्त्र की भाषा में इसे जिंजिबर अफिसिनेल नाम दिया गया है। अदरख को अंग्रेजी में जिंजर, संस्कृत में आद्रक, मराठी में आदा के नाम से जाना जाता है। गीले स्वरूप में इसे अदरख तथा सूखने पर इसे सौंठ (शुष्ठी) कहते हैं। अदरख का कोई बीज नहीं होता, इसके कंद के ही छोटे-छोटे टुकड़े जमीन में गाड़ दिए जाते हैं। यह एक पौधे की जड़ है।
आयुर्वेद के अनुसार
==> अदरख गुरु, तीक्ष्ण, उष्णवीर्य, अग्नि प्रदीपक, कटु रसयुक्त, मल भेदक, भारी, गरम, उदराग्नि बढ़ाने वाला, विपाक में मधुर रसयुक्त, रूक्ष, वात-कफ नाशक होता है।
==>अदरख , हल्दी आदि औषधियों के सेवन से ठंड का समय स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है। कमज़ोर जीवन शक्ति वाले लोग जुकाम, गले और फेफड़े से सम्बंधित रोगों का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अदरख एक बेहतर दवा सिद्ध होती है।
अदरख के गुण
अदरख के पौष्टिक तत्व
100 ग्राम अदरख में कार्बोहाइड्रेट 12.3 ग्राम, प्रोटीम 24 ग्राम, वसा 0.8 ग्राम रेशा 2.50 ग्राम, कैल्शियम 20 मिलीग्राम, फास्फोरस 60 मि.ग्रा., आयरन 26 मि.ग्रा., विटामिन ए 40 आई.यू., नमी 80.9 ग्राम आदि तत्व पाए जाते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार
==> अदरख गुरु, तीक्ष्ण, उष्णवीर्य, अग्नि प्रदीपक, कटु रसयुक्त, मल भेदक, भारी, गरम, उदराग्नि बढ़ाने वाला, विपाक में मधुर रसयुक्त, रूक्ष, वात-कफ नाशक होता है।
==>अदरख , हल्दी आदि औषधियों के सेवन से ठंड का समय स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है। कमज़ोर जीवन शक्ति वाले लोग जुकाम, गले और फेफड़े से सम्बंधित रोगों का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अदरख एक बेहतर दवा सिद्ध होती है।
अदरख के गुण
- अदरख खाने के टेस्ट को बेहतर बनाने के साथ-साथ पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है।
- अदरख के टुकड़ों पर सेंधा (काला) नमक और नींबू डाल कर खाने से जीभ और गला साफ होता है और भोजन के प्रति अरूचि मिटती है।
- प्रतिदिन यदि भोजन से पहले अदरक का रस पीया जाए तो यह भोजन को पचा देता है और गले और जीभ के कैंसर से भी बचाता है।
- अदरक की चाय जुकाम, खांसी, कफ, सिरदर्द, कमर दर्द, पसली और छाती की पीड़ा दूर करती है ।
- अदरख में जीवाणुओं के मारने के ठोस और कफ अवरोधी गुण पाए गए हैं।
- अदरख बड़ी आँत में पाए जाने वाली बैक्टीरिया का बढ़ना रोक देता है जिसके कारण गैस से राहत मिलती है।
- अदरख में किसी भी चीज को संरक्षित करने के गुण प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।
- कच्चे अदरख के अलावा इसके सूखे हुए रूप ‘सोंठ’ को भी उपयोग में लिया जाता है। इसे शहद में मिला कर लेना श्रेष्ठतम है।
- स्वास्थ्य की दृष्टि से अदरख और सोंठ दोनों ही लाभदायक होते हैं, लेकिन सुखाने पर अदरख में मौजूद कई तैलीय तत्व नष्ट हो जाते हैं।
अदरख के पौष्टिक तत्व
100 ग्राम अदरख में कार्बोहाइड्रेट 12.3 ग्राम, प्रोटीम 24 ग्राम, वसा 0.8 ग्राम रेशा 2.50 ग्राम, कैल्शियम 20 मिलीग्राम, फास्फोरस 60 मि.ग्रा., आयरन 26 मि.ग्रा., विटामिन ए 40 आई.यू., नमी 80.9 ग्राम आदि तत्व पाए जाते हैं।
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