शायरी हिन्दी मै

शायरी हिन्दी मै -

अकेला-सा हूँ, तन्हा हूँ तेरे बगैर,
इत्ती सी बात भी तेरे पल्ले नहीं पड़ी;
छोड़ जाते हो तनहाई के समंदर में,
क्यों दूर जाने की रहती है हड़बड़ी |

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