शायरी

"नशा, मोहब्बत का हो या 'शराब' का
होश दोनों में खो जाता है
फरक सिर्फ इतना है की
शराब सुला देती है
और
मोहब्बत रुला देती है

2.
प्यार की आंच से तो पत्थर भी पिघल जाता है,
सचे दिल से साथ दे तो नसीब भी बदल जाता है,
प्यार की राहों पर मिल जाये साचा हमसफ़र,
तो कितना भी गिरा हुआ इंसान भी संभल जाता है।



अन्य महत्वपूर्ण बातें :-


  • अगर आपको ये वेबसाइट अच्छी, दमदार, मस्त लगे तो इसे Bookmark करे ।
  • यह साइट देखने के लिए धन्यवाद् , आपका यहाँ फिर इंतज़ार रहेगा ।
  • चेतावनी :- इस वेबसाइट से बिना अनुमती के इसकी सामग्री अन्य वेबसाइट/ब्लॊग में नहीं लगाए, वरना चोर वेबसाइट को डिलीट/हैक/क़ानूनी शिकायत कर दी जाएगी या जुर्माना लगाया जायेगा ।

    टिप्पणियाँ