हिंदी शायरी हिन्दी में हिन्दीशायरी : ''मौत'' इतनी हसीन होती

किसी शायर ने मौत को क्या खूब कहा:-

ज़िन्दगी में दो मिनिट कोई मेरे पास ना बैठा, आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे,

कोई तोहफा ना मिला आज तक मुझे और आज फूल ही फूल दिए जा रहे थे,

तरस गया मै किसी के हाथ से दिए वो एक कपडे को और आज नए नए कपडे ओढ़ाये जा रहे थे,

दो कदम साथ ना चलने को तेयार था कोई, और आज काफिला बनाकर जा रहे थे..

आज पता चला के ''मौत'' इतनी हसीन होती  है, कम्बक्त "हम" तो युही जिए जा रहे थे...



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