प्यार और लव को शायरी हिंदी में शायरी : मेरा दिल शायरी - वफ़ा का इंसाफ

प्यार और लव को शायरी हिंदी में शायरी : मेरा दिल शायरी - वफ़ा का इंसाफ...

मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी,
वो अपनाने और ठुकरने की अदा भी तेरी थी,
मैं अपनी वफ़ा का इंसाफ किस से मांगता ?
वो शहर भी तेरा था और वो अदालत भी तेरी थी...

2.
आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खुबसूरत है,
दिल में बसी है जो वो आपकी ही सूरत है,
दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी,
हमे हर कदम पैर आपकी ज़रूरत है |




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