Khush Rehne ke Nuske -खुश रखना और रहना चाहते हो तो ये नुस्का आजमाकर देखे
Khush Rehne ke Nuske - अगर आप किसी को अपने साथ खुश रखना और रहना चाहते हो तो ये नुस्का आजमाकर देखे ।
आप जैसा किसी को बनाना चाहते हो, आप कैसा उसे बनाना चाहते हो वो दिखओ, वो सुनाओ, वो बताओ। जो नहीं चाहते उसको न देखे, न सुने, न उसके बारे में बात करे, सामने आने पर उचित निर्णय ले, न उसके बारे में वाद-विवाद करे ।
आपको के खुछ दिनों में कैसा भी लगे आप अपना काम एक साल तक करोगे तो जिंदगी बदल जाएगी ।
वक्त के साथ सबकुछ बदल जायेगा, और चारो तरफ प्यार ही प्यार नज़र आयेगा ।
अगर बच्चा आपके साथ बाजार में है तो आप बच्चे से बेवजह कहे - चॉकलेट नहीं खाना, गन्दी चीज़ है ।
अब बच्चा थोड़ी देर बाद चॉकलेट खरीदने के लिए बोलेगा, जिद करेगा । मानव का स्वभाव ऐसा ही होता है ।
आपको अगर बन्दुक दे दी जाये तो क्या आप उसे चला सकते है ?
आपका उत्तर है बन्दुक में गोली डालकर, उसका घोडा दबाना है और ये निकली गोली।।
कहा से सीखा ?
अधिकतर टीवी से।
सवतंत्र भारत की स्वतंत्र बेटियो को छोटे कपडे पहनने किसने सिखाया ?
सिनेमा ने/ टीवी ने।
बलात्कार करना किसने सिखाया ?
टीवी ने ।
सास बहु के बीच ज़हर किसने भरा ।
टीवी ने ।
इंसान बहुत सारी बाते देखकर और सुनकर सीखता है । जैसे
टीवी ने बोला चलती बस में लड़की का बलात्कार । - देखने वाला सोचता है कैसे होता है? क्यों हुवा? क्या में कर सकता हु ? किसका करके देखू ?
दूसरी तरीके की खबर-
बलात्कार की कोसिस में आरोपी की मौत --- देखने वाला सोचता है- कैसे होता है? क्यों हुवा? क्या में कर सकता हु ? किसका करके देखू की मेरी भी मौत हो ?
अगर आप किसी को सुधारना चाहते हो तो उस गलती को नज़र अंदाज़ करके उसे घुमाकर कहे जैसे आपके सामने कोई गन्दी बात करता है या किसी की बुराई करता है तो आप कहे - मुझे अच्छी बाते करने वाले लोग ही अच्छे लगते है ।(कोई आपके सामने अच्छी बात नहीं भी करता तो बुरी बात भी नहीं करेगा )
जब घर में सास और बहु, दो भाई, पति-पत्नी, बाप-बेटे, माँ-बेटे में अगर लड़ाई हो रही है तो वह लड़ाई के रूप में प्यार आ रहा होता (परवाह) है । और आज टीवी ने लोगो को पता नहीं क्या क्या मतलब बता दिए । और जब आप देखते थे तो आपके पास में बैठे बच्चे वो सीख रहे थे, और अब जाओ अनाथ आश्रम ।
आप बलात्कार का सीन देखते या पड़ते हो तो इसका सीधा मतलब आप या तो बलात्कार के बारे में जानना चाहते हो या करना चाहते हो ।
टीवी वाले बिना डिमांड के खुछ नहीं दिखाते । भारत में सनी लिओन की डिमांड है तो टीवी वाले सारी सनी लियोनियो को ढूंढेंगे और आपको जो अच्छा लगता है, हो सकता है कल अपना कोई.…। वो दिखेंगे और दिखाएंगे । अकेले देखो तो अच्छी बात, घर वाले साथ देखे तो गन्दी बात ।
आज देश को सिनेमा/टीवी बड़ी चुनौती दे रहा है वो पाश्चात्य संस्कृति की और ले जा रहे और बेचारे पश्चिम वाले इसका अनुभव लेकर भारतीय संस्कृति को अपनाने की कोसिस कर रहे है ।
देखो दोस्तों मेरी उम्र 24 साल है पर रोज नयी आफत मोल लेने ऊर्जा रखता हु, दुनिया की नज़र में मुझे कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है, पर मुझे मेरे अनुभव से लगता है की मेने हर आफत से खुछ मिला है कुछ खोया नहीं है और जो होता है बहुत अच्छे के लिए होता है, अगर कर्म अच्छे है ।
अपनी जगह सब सही है बस ज्ञान, अनुभव, देखने, सोचने, निर्णय… लेने का नजरिया अलग हो सकता है ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें