शहीद बीएसएफ कमांडर श्रीराम गावड़िया को आओ झुक कर करे सलाम । जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है।

!! भारत माता की जय !!
आओ झुक कर करे सलाम उन्हें।
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है।
कितने खुशनसीब है वो लोग ।
जिनका खून वतन के काम आता है। 
आओ झुक कर करे सलाम उन्हें। 
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है।
कितने खुशनसीब है वो लोग।
जिनका खून वतन के काम आता है।



जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजरों की गोलीबारी में शहीद बीएसएफ कमांडर श्रीराम गावड़िया की शुक्रवार को पैतृक गांव खतेहपुरा में राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि की गई। "श्रीराम तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान...', "शहीद श्रीराम अमर रहे...', "खतेहपुरा का एक ही राम, शहीद श्रीराम...' जैसे जोश से लबरेज नारों के बीच उनकी अंतिम यात्रा रवाना हुई। बेटे अरुण कुमार के साथ बेटी नीलम ने भी कंधा दिया।

श्रीराम बीएसएफ की नौंवी बटालियन में थे। 31 दिसंबर को पाक रेंजरों की फायरिंग में वे शहीद हो गए। दिल्ली में श्रद्धांजलि के बाद शुक्रवार सुबह करीब सवा नौ बजे पार्थिव देह घर लाई गई। अंतिम यात्रा रवाना होने वाली थी कि जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्रसिंह राठौड़ के आने की सूचना आई। कुछ समय इंतजार किया लेकिन देर होती देख अंतिम यात्रा रवाना हो गई। बेटे अरुण, बेटी नीलम समेत भाई सरदारसिंह, मोहरसिंह, रघुवीरसिंह आदि ने कंधा दिया। खेत में संस्कार स्थल पर भी मंत्री का इंतजार किया गया। 11.55 मिनट पर राठौड़ सीधे अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचे। उन्होंने पुष्पचक्र अर्पित किया। बीएसएफ एवं पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी।

फर्क थोड़ा सा है,
मेरे और तेरे इश्क में...
तू माशूक की खातिर रात भर जागता है
और....
मुझे मेरे मुल्क के हालात सोने नही देते....



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