राजस्थानी लुगाई - मजेदार किस्सा-कहानी
मजेदार किस्सा-कहानी -
एक बै एक छोरे का ब्याह हो गया, एक महीने बाद वो दोनों छत पर बतलान लाग रया हा।
उसकी लुगाई बोली - आपने बालक होगा जब कित सोवेगा ?
वो आपनी खाट नै थोडी दूर सरका कै बोल्या - आड़े घ्याल देवा गे उसकी खाट।
उसकी लुगाई थोडी देर बाद फेर बोली - आपने दूसरा बालक होवेगा, वो कित सोवेगा ?
वो थोडी और दूर खाट सरका कै बोल्या - उसकी खाट आड़े घ्याल देवा गे,
उसकी लुगाई थोडी देर बाद फेर बोली - आपने तीसरा बालक होवेगा वो कित सोवेगा?
वो आपनी खाट और परे नै सरका कै बोल्या - उसकी खाट आड़े घ्याल देवा गे।
न्यू करते करते उसकी खाट छत के एक तरफ चली गयी और उसकी लुगाई की दूसरी तरफ।
इब थोडी देर पाछे उसकी लुगाई फेर बोली - आपने चोथा बालक होवेगा वो कित सोवेगा ?
उसने गुस्से मैं आके दोनु खाट निचे फेक दी, निचे तै उसका बाबू खुड़का सुनके बोल्या - रे छोरे यो के तमाशा सै ?
छोरा बोल्या - कुछ ना बाबु कदे-कदे या बिना हुई ओलाद भी दिक्कत कर दिया करे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें