Hindi Shayri हिन्दी शायरी - कोई दीवाना कहता हैं कोई पागल समझता है


कोई दीवाना कहता हैं कोई पागल समझता है,
मगर धरती की बैचनी को बस बदल समझता है,
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ,तू मुझसे दूर कैसी है,
यह तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है,
कि मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आंसू है,
जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है,



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