पागल शायरी - ये जो देती है हमें दुनिया ताने सौ सौ

#1
रात चुप हे मगर चाँद खामोस नही ,
केसे कहु आज फिर होस नही ;
ऐसे डूबे हे उनकी यादों में की ,
हाथ में जाम हे पर पिनेका होस नही !



#2
"वो जो कहते हैं की पी कर गिरते हो तुम,
क्या बताएं उन्हें की पी कर ही सँभालते है हम...
ये जो देती है हमें दुनिया ताने सौ सौ,
उनसे बचने का ही कुछ एहतराम करते हैं हम..."






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