ज़िन्दगी का येही तराना है

ज़िन्दगी का येही तराना है
गम उठाना है मुस्कराना है
रोप तेरा बड़ा सुहाना है
तुझ पे कुर्बान ये जामन है
किस क़दर प्यार मेरा सच्चा है
आज दिलबर को आज़माना है
तुझ को पाऊ या तेरा हो जाओं
ज़िन्दगी का येही फ़साना है
इस तरह से न मुस्कुराया करो
जान लेवा ये मुस्कुराना है
आर्जि है ये दुनिया ए लोगों
हर किसी को यहाँ से जाना है
आरजू है येही मेरी दुश्मन को भी दोस्त बनाना है|........


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