Brave Land :- Jai Jai Rajasthan ,, पृथ्वीराज चौहान को राजस्थानियों कि तरफ से बहुत बहुत प्रेम और गर्व,,,, जय राजस्थान
पृथ्वीराज चौहान जयचंद के कारण 18वा युद्ध हार चुके
थे, परन्तु उनके खून में राजपुताना जोश
हिलोरे मार रहा था, युद्ध के बाद उनको बंदी बना लिया गया,
और गौरी उनको अपने साथ अफगानिस्तान
(बटवारे से पहले पंजाब का अंग था) ले गया |
(बटवारे से पहले पंजाब का अंग था) ले गया |
दुष्ट मुसलमानों ने उनकी आँखे फोड़ दी,
ऐसे समय में कवि चन्द्रवरदाई उनके साथ थे,
एक दिन मोहम्मद गौरी ने कवि चन्द्र को एक गीत सुनाने के लिए कहा और महाराज पृथ्वीराज
को कहा की, मैंने आपकी धनुर्विद्या के बारे में बहुत सुना है और आप बिना आँखों के भी निशाना लगा सकते है सो आज आपकी ये कला देखना चाहता हु, महराज पृथ्वीराज ने धनुष बाण लिया और कवि चन्द्र ने गाना शुरू किया, इशारों ही इशारों में गीत द्वारा उन्होंने महाराज पृथ्वीराज को मुहम्मद गौरी की दिशा और स्थिती बता दी, महाराज ने निशाना साधा और फिर मोहम्मद गौरी ढेर ।
को कहा की, मैंने आपकी धनुर्विद्या के बारे में बहुत सुना है और आप बिना आँखों के भी निशाना लगा सकते है सो आज आपकी ये कला देखना चाहता हु, महराज पृथ्वीराज ने धनुष बाण लिया और कवि चन्द्र ने गाना शुरू किया, इशारों ही इशारों में गीत द्वारा उन्होंने महाराज पृथ्वीराज को मुहम्मद गौरी की दिशा और स्थिती बता दी, महाराज ने निशाना साधा और फिर मोहम्मद गौरी ढेर ।
महाराज पृथ्वीराज चौहान को उसी समय कवि चन्द्र को आदेश दिया की वो उन्हें मार दे ।
कवि चन्द्र जो उनके बचपन के मित्र भी थे । बहुत कड़े मन से उन्होंने महाराज को मारा और फिर अपनी कटार से खुद को भी ख़तम कर लिया..…
आज भी अफ्घनिस्तान और पेशावर की सीमा पर महाराज पृथ्वीराज चौहान की समाधी है, उनके साथ ही कवि चन्द्र की भी समाधी है,
पाकिस्तानी सीमा पर बनी हुई इन समाधियो पर न ही कभी कोई मेला लगता है और न ही कभी फूल चड़ाए
जाते है.....
पृथ्वीराज चौहान को राजस्थानियों कि तरफ से बहुत बहुत प्रेम और गर्व,,,, जय राजस्थान।।।।।।
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