दिल्ली बस स्टेंड पर रोजाना हजारो लोगो के साथ धोखा-धड़ी खुल्ले आम |

दिल्ली बस स्टेंड पर रोजाना हजारो लोगो के साथ धोखा-धड़ी खुल्ले आम |

में दिल्ली से जयपुर जाने वाली बस में बैठा ही था की अचानक दो लड़के बस चालक को गलिया देने लगे, मेरे अभी बात समझ में भी नहीं आई थी की और दो लोग चालक को गलिया देने लगे...

बात पूछने पर पता चला की....

बात यु थी, की वो देहली साम 4:30 के आसपास बस स्टेशन पर जा रहे थे, और उन्हें एक धोकेबाज मिला जो उन्हें बोला की कहा जाना है..
लडको का जबाब था जयपुर बस स्टेशन...
धोकेबाज बोला :- जल्दी आवो जयपुर की बस लग रही है जो 5:00 बजे शाम को रवाना होने वाली है |


लडको ने बोला ठीक है |
चारो लड़के जवान, हट्टे-कट्टे और मजबूत थे... और उन्हें किसी भी तरह से ठगे जाने का विश्वास नहीं था...

फिर वो धोखेबाज एक दुसरे धोकेबाज बाप दलाल ( टूर एंड ट्रावेल्स की दुकान ) के पास ले कर गया, जो उन्हें बस की फोटो दिखाकर टिकिट काट कर दे दिया | और वहा से अपने सहयोगी चोर नोकर को बोला की दोस्तों को बस में बिठा कर आवो...

फिर वो नोकर उन्हें तीसरे चोर एजेंट के पास लेकर गया उसे उनकी टिकिट देते हुए बोला की इन्हें जयपुर जाना है...

उसने बोला की बस तो आधा घंटा देर से आएगी.... फिर उसने हमे नयी टिकिट बना कर दे दी...

आधा घंटे बाद खुछ नहीं आने पर लडको और अन्य यात्री परेसान होने लगे... पर टिकिट एजेंट का जबाब था की बस आ रही है....

फिर एक घंटे बाद एक टेम्पो आया जो वहा से सारी सवारियों को बिठाकर निजी बस अड्डे पर ले गया और एक चोथे टूर ट्रेवल वाले के पास सवारियों को ले जाते हुए बोला की इनसे बात कर लो...

उससे बात की पता चला की वो बस रात को 8:00 बजे आएगी...

यात्री उस टिकिट एजेंट पर थोडा गुस्सा करने लगे...

तो टिकिट एजेंट बोला- आपको जिसने टिकिट दी है उससे बात करो...

फ़ोन करने पर उठाया नहीं...

अब यात्री सां हो गए जैसे उन्हें बस मिल गयी हो.....

अब रात के 8:00 बज चुके थे... और यात्री बार बार बच्चो की तरह उस टिकिट वाले से ये पूछते की बस कब आ रही है...

टिकिट एजेंट कभी नहीं बोलता और कभी बोलता की आने वाली है 15-20 मिनिट में... यात्री अपना मुह लेकर कही बैठने के लिए जगह देखते...

काफी देर बाद सब यात्री इकठ्ठे होकर उस एजेंट से लड़ाई करने लगे...

तो एजेंट बोला की रात को 10:00 से पहले हम बस रोड पर नहीं निकाल सकते |
फिर एक वर्द्ध आदमी समझाते हुये बोला बेटा आप ऐसा ही करोगे तो एक दिन आपको एक भी विश्वास करने वाला नहीं मिलेगा...

एजेंट ने गुस्से में वर्द्ध को फटकारते हुये कहा - दिल्ली में रोज 2 लाख लोग आते है और जाते है... हमें तो १५० आदमी चाहिए रोज के...

एक बार फिर सब यात्री शांत हो गए जैसे उन्हें बस मिल गयी हो....

फिर 10:40 बजे एक बस आई, सब उसे देख कर खुश हो गए... और टिकिट एजेंट के कहने पर सब बैठ गए...

अब बस में सब बैठ गए और बस के चलने का इंतजार करने लगे...

लोगो ने चालक से पूछा की कितने देर में चलेगी... चालक का जबाब रहा चलने वाली ही है...

अब बस में सब लोग आपस में बाते कर रहे थे , पर उन्हें उम्मीद थी की ये बस हमे जरूर पहुचायेगी...

अब थोड़ी देर में एक पांचवा टिकिट एजेंट कुछ यात्रियों के साथ आया और एक आदमी को बोला की ये सीट
इनकी है...और फिर बस में गलिया और लडाई....आखिर में उसे खड़ा कर दिया और अपने यात्रियों को बिठा कर चला गया...

ये एक अनमोल यात्रा थी....जिससे बहुत खुछ सिखने को मिला |

काफी एजेंट मिले होने के कारन टिकिट का भुगतान लगभग तिगुना हो गया....और
कोई भी जिम्मेदार नहीं रहा...और
बस स्टैंड के आसपास खाने पिने की महंगी वस्तुए..
बैठने की समस्या
गन्दा वातावरण..
बेफालतू की झिक झिक..
इज्ज़त का फलूदा...
 
आप अगर बस यात्रा करने जा रहे है या किसी तरह की टिकिट लेने जा रहे हो.... तो नीची लिखी बातो का ध्यान रखे..

आप टिकिट एजेंट की सहायता नहीं ले...या कोसिस करे की सिर्फ जानकारी ही ले...और सीधे बस में जाकर पहुचे और वही से टिकिट ले...जिससे कम किराया, जिम्मेदार व्यक्ति मिलेगा, सीट को लेकर झिक झिक नहीं होगी...

टिकिट पर बस का नंबर , टिकिट पर क्रमांक नंबर, सीट का नंबर और किराया लिखा होना चाहिए...
और बस कितने बजे चलेगी और कितने बजे पहुचायेगी...ये लिखा होना चाहिए...
और आप आप किसी पर भी विश्वास न करे किसी भी बात पर...सब खुच लिखावट में..क्योकि जिससे आप अपने अधिकारों का संरक्षण कर सके..

आप अपने जानकार, रिश्तेदार, दोस्तों, को नहीं सबको इसके बारे में बताये...और आप इस लेख को हर आदमी तक पहुचने की कोसिस करे...ताकि अपना भारत खुश रह सके...और बस स्टेंड पर चोरो और फर्जी दलालों की संख्या कम हो सके...

और दोस्तों आपको किसी भी बस यात्रा का अनुभव है तो कमेन्ट बॉक्स में आपका सुझाव जरूर दे...

में भारत देश को हँसता हुवा देखना चाहता हु.......और आप भी....?

शेयर कीजिये फेसबुक, ऑरकुट और अन्य पर......अगर कोई पूछे कि शेयर करने से क्या होगा ........तो कहिएगा.....कहीं आग लगी थी ....चिड़िया चोंच से पानी भर कर गिरा रही थी , कौन्वे ने ताना दिया कि तेरी छोटी सी चोंच से कौन सा आग बुझ जायेगी..........चिड़िया ने जवाब दिया के कम से कम इतिहास मुझे आग बुझाने वालों में तो गिनेगा .तमाशा देखने वालों में नहीं ...............अगर आग लगी हो तो ....कुछ लोग चुप चाप तमाशा देखने वालों में गिने जाते हैं ...और कुछ लोग आग बुझाने वालों में गिने जाते हैं !!!! शेयर करके आप कम से कम आग बुझाने वालों में गिने जायेंगे ........



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