बात किस्मत की है दोस्त, की जुदा हो गये हम...A very beautiful love shayri or poem in hindi
साथ रोती थी मेरे, साथ हँसा करती थी,
वो लड़की जो मेरे दिल में बसा करती थी,
इक लम्हे का बिछड़ना भी गिला था उसको,
रोते ही मुझको खुद से जुदा करती थी,
मेरे दिल में रहा करती थी धरकन की तरह,
और साए की तरह साथ चला करती थी ,
रोग दिल को लगा बेठे अनजाने में,
मेरी आघोष में मरने की दुआ करती थी,
बात किस्मत की है दोस्त, की जुदा हो गये हम,
वरना वो तो मुझे तकदीर कहा करती थी .......
वरना वो तो मुझे तकदीर कहा करती थी ….
main aise hi site ki khoj main tha
जवाब देंहटाएंiss site ki hr jankari mujhe bahut acchi lagi
thanks