बुहारी काडती-काडती पौळी में आगी और धणी नै बोली, 'आगै नै सरकियो दिखां

गांव में एक लुगाई बुहारी निकाल री ही | चौक में उण रो धणी बैठ्यो हो। बा बुहारी काडती-काडती उणरै कनै आई तो बोली, 'परै सी सरकियो ।'

आदमी उठकै पौळी में आगो । लुगाई भी बुहारी काडती-काडती पौळी में आगी और धणी नै बोली, 'आगै नै सरकियो दिखां ।'

आदमी बारलै चौक में आगो । थोड़ी ताळ पछै बठै भी आगै सरकणै की बात कैयी । बो उठकै घरां रै बारणै दरूजै पर आगो अर चबूतरै पर बैठगो । लुगाई बुहारती-बुहारती घरां कै बारै आई तो पति नै बोली, 'सरकियो दिखां।'

आदमी आखतो होय'र मुंबई चल्यो गयो । बठै सूं चिट्ठी लिखी- 'खोड्ली अब भी तेरै अड़ूं हूं कै और आगै सरकूं? आगै समंदर है, देख लिए।'



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    टिप्पणियाँ

    1. MAST-MAST SIR JI
      चुटकुला
      एक बार एक शराब से दुखी हो कर खाली बोतलें फेंकने लगा
      एक बोतल फेंक कर बोला -तेरी वज़ह से मेरी बीवी मुझे छोड़
      गयी
      दूसरी फेंक कर बोला -तेरी वज़ह से मेरा घर बिक गया
      तीसरी फेंक कर बोला -तेरी वज़ह से मेरी नौकरी गयी
      चौथी बोतल हाथ में आई वो भरी हुयी निकली -अरी तू पीछे
      हटजा इसमें तेरा कोई कसूर नहीं

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