किसी रोज़ तुम को भी मेरी बहुत याद आएगी...New planet for happy
किसी रोज़ तुम को भी मेरी बहूत याद आयगी |
मगर उस दिन बहूत देर हो जायगी,
तुम मिलना चाहो गे, मगर मुझ को देख ना पाओगी,
तुम ढूँढोगी मुझे, मगर देख ना पाओगी,
तुम तड़पो गे मेरी याद मैं, और आंसू बहाओगी,
मुझे देखे बिना इक पल भी ना रह पाओगी,
मेरी याद मैं तुम गुमसुम हो जाओगी,
खुद अपनी गली का पता भी भूल जाओगे,
मेरी तस्वीर मैं तुम ऐसे खो जाओगे,
कोई पुकारे गा तुम मेरी ही बातें दोहराओगी,
और मैं दूर खड़ा तुम्हारी बेचैनी को देखता रहूँगा,
और तुम कुछ पल के लिए मुझ से खफा हो जाओगी,
और मैं तेरी बिखरी ज़ुल्फूं को सुन्वारूंगा,
और तुम शर्मा कर मेरे गले से लग जाओगी,
और फिर जब तुम रूठ कर कहीं दूर चली जाओगी,
उस दिन में फिर तुम से यही बात कहूँगा,
किसी रोज़ तुम को भी मेरी बहुत याद आएगी,
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