यह पास कैसे होता है..??

एक विधार्थी था दीवाना सा
एक विषय पे वो मरता था,
किताबे उठा केर चश्मा लगा कर
पुस्तकालय से गुज़रता था,
कुछ पढना था शायद उसको
जाने किस से डरता था,
जब भी मिलता था मुझसे पूछा करता था
यह पास कैसे होता है यार यह पास कैसे होता है..??
और मैं बस इतना कह पता था...
किताबें खुली हो या हो बंद
पढना अंतिम रात को ही होता है,
कैसे कहूँ मैं ओ यारा 
यह पास ऐसे ही होता है...
"
'
आप इसे दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते है..
शेयर करने के लिए निचे देखे..

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें