लहरों से डरकर....

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती

नन्ही चीटी जब दाना लेकर चलती है
चद्ती दीवारों पे जब सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है.
चढ़कर गिरना, गिरकर चड़ना न अखरता
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होंती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

डुबकियां सिन्धु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होंती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होंती

असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो
क्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन की त्यागो तुम
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागों तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होंती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती..

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