इंसानी रूह के साए मै बस्ता...

इंसानी रूह के साए मै बस्ता है
हर रिश्ते से बढकर रिश्ता है,रिश्ता ये दोस्ती का,

सब निगाहों का नूर-इ-नज़र है
खुदा की रहमतो का असर है, रिश्ता ये दोस्ती का,

हर एक लम्हे मै लाजबाब है
हसीन ख्वाबो से चुना ख्वाब है, रिश्ता ये दोस्ती का,

बिन धागे के बंधा यकीन है
मेह्ज़बीनो से बड़ा हसीन है, रिश्ते ये दोस्ती का,

रूहानी जज्वातो से बड़ा अहसास है
हर दिल को अज़ीज़-इ-ख़ास है रिश्ता ये दोस्ती का,

तिश्नगी को भुजाने वाली बरसात है,
जिंदगी को जिंदगी की ही सौगात है रिश्ता ये दोस्ती का,

हर इंसान को बे-शर्त कबूल है,
खुदा यही ,यही सबका रसूल है,रिश्ता ये दोस्ती का......

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