ख़ूबसूरत है वोह...

ख़ूबसूरत है वोह लब,
जो प्यारी बातें करते है..
 
ख़ूबसूरत है वोह मुस्कुराहट,
जो दूसरों के चेहरों पैर भी मुस्कान सजा दे..

ख़ूबसूरत है वोह दिल,
जो किसी के दर्द को समझे...
जो किसी के दर्द में तडपे...

ख़ूबसूरत हैं वोह जज्बात,
जो किसी का एहसास करें..

ख़ूबसूरत है वोह एहसास,
जो किसी के दर्द में दवा बने...

ख़ूबसूरत हैं वोह बातें,
जो किसी का दिल ना दुखाएं...

ख़ूबसूरत हैं वोह आंखें,
जिन में पकेजगी हो...
शर्म ओ हया हो...

ख़ूबसूरत हैं वोह आंसू,
जो किसी के दर्द को महसूस करके बह जाए...

ख़ूबसूरत हैं वोह हाथ,
जो किसी को मुश्किल वक़्त में थाम लें...

ख़ूबसूरत हैं वोह कदम,
जो किसी की मदद के लिए आगे बढें...

ख़ूबसूरत है वोह सोच
जो किसी के लिए अच्हा सोचे..

ख़ूबसूरत है वोह इन्सान,
जिस को भागवान ने ये खूबसूरती अदा की...

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