दोस्ती क्या है...
क्या खबर तुम को दोस्ती क्या है
ये रौशनी भी है अँधेरा भी है
ख्वाहिशों से भरा जज़ीरा भी है
बोहत अनमोल एक हीरा भी है
दोस्ती एक हसीं ख्वाब भी है
पास से देखो तो सरब भी है
दुःख मिलने पे यह अज़ब भी है
और यह प्यार का जवाज़ भी है
दोस्ती यूं तो माया जाल भी है
एक हकीकत भी है ख्याल भी है
कभी फुरक़त कभी विस्सल भी है
कभी ज़मीन कभी फलक भी है
कभी ज़मीन कभी फलक भी है
दोस्ती झूट भी है सुच भी है
दिल मैं रह जय तो कस्सक भी है
दिल मैं रह जय तो कस्सक भी है
कभी ये हार कभी जीत भी है
दोस्ती साज़ भी संगीत भी है
शेइर भी नज़म भी गीत भी है
वफ़ा क्या है वफ़ा भी दोस्ती है
शेइर भी नज़म भी गीत भी है
वफ़ा क्या है वफ़ा भी दोस्ती है
दिल से निकली दुआ भी दोस्ती है
बस इतना समझ लो तुम
बस इतना समझ लो तुम
प्यार की इन्तहा भी दोस्ती है
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