मरने से पहले किसी....

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या पता कल तुम लौटकर आओ और हम खामोश हो जाएँ
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है
दिल से खेलना हमे आता नहीं इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए
मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो, जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं , थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।
लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है, कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते, और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते
क्यूं रखूं मैं अब अपनी कलम में स्याही ,
जब कोई अरमान दिल में मचलता ही नहीं ,
जाने क्यूं सभी शक करते हैं मुझ पर ,
जब कोई सूखा फूल मेरी किताबों में मिलता ही नहीं ,
कशिश तो बहुत थी मेरी मोहब्बत में ,
मगर क्या करूँ कोई पत्थर दिल पिघलता ही नहीं ,
खुदा मिले तो उससे अपना प्यार मांगू ,
पर सुना है वो भी मरने से पहले किसी से मिलता ही नहीं

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